कक्षा 10वीं में टॉप करें
Class 10th me top kaise karen
कक्षा दसवीं(10वीं) में टॉप करना कोई कठिन बात नहीं है। हम आपको बतायेगें कि बोर्ड एग्जाम में टॉप कैसे करना है। परन्तु अक्सर हम देखते हैं कि समाज आप लोगों को ‘’बोर्ड के एग्जाम हैं।‘’ यह वाक्य एवं इसी तरह के कई जटिल लगने वाली बातों को बोल - बोल कर इतना भयभीत कर देता है कि आप अपने मन को परीक्षा की तैयारी करते समय अपने अनुसार नहीं चला पाते हैं। और अधिक परिश्रम करने के बाद भी आपको अच्छे प्रतिशत नहीं मिल पाते हैं। या फिर आपके मार्क्स परीक्षा में कम रहते हैं। तो हम आपको एक मोटीवेशनल स्टोरी सुनाते हुए बताते हैं कि आपको कक्षा 10वीं की मुख्य परीक्षा की तैयारी किस प्रकार से करनी है। और आपके दैनिक जीवन में क्या-क्या बदलाव करने हैं। जिससे आप बोर्ड की परीक्षा में अच्छे प्रतिशत बना सकें तो आप इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढिये। इसके बाद आप निर्णय लीजिए। आप इन नियमों के अनुसार चल सकते हैं या फिर अपने बनाए गए नियमों के द्वारा भी आप परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
तो चलिये चलते हैं परीक्षा में टॉप करने की बातों की यात्रा पर
देखिए आप अपने आप को जितना कमजोर समझ रहे हो ना, आप उतने कमजोर हो नहीं।, ना ही शारीरिक रूप से और ना ही मानसिक रूप से तो यह बहम अपने दिमाग से निकाल दो कि आप कुछ नहीं कर सकते हो। क्योंकि यह सब बातें एक कायर मनुष्य ही सोचता है। यदि आप ऐसा सोचते हो कि मैं कमजोर हूं और मैं इन लोगों से आगे नहीं निकल सकता। या मुझे आर्थिक परेशानी है। तो आपको यह बता दें कि आपके जैसे ही न्यूटन भी एक गरीब परिवार से थे एवं जब वे छोटे थे तो एक बहुत ही मंदबुद्धि बालक थे। उनको जब क्लास में कोई भी टॉपिक को समझाया जाता था तो वह उसे समझ ही नहीं पाते थे। एवं उनका दिमाग पढाई को छोडकर इधर-उधर की बातों पर अधिक रहता था। जब एक दिन उन्हे उनके शिक्षक ने ‘’तुम कभी कुछ नहीं कर सकते और तुम पढ नहीं सकते’’ यह कहकर कक्षा से निकाल दिया तो वह इस बरताव से बहुत ही निराश हुए और सोचने लगे की मैं बहुत ही कमजोर हूं और कुछ भी समझ नहीं पाता हूं। इस तरह सोचते हुए वे बगीचे में चले गये जहां पर सेब का पेड भी था वे उसकी छाव में बैठे और कुछ सोचने लगे तभी अचानक इनके पास एक सेब ऊपर से आकर गिरा तो वे सब बातों को छोडकर यह सोचने लग गये आखिर यह सेब नीचे ही क्यों गिरा। और यही बात उनके दिमाग में खटकने लगी। और वे परेशान हो गये। तथा अपने मन में ही शोध करने लगे आत्म चिंतन करने लगे कि यह कैसे हुआ? क्यों हुआ? इसका क्या कारण है? इसी सोच ने उनके उन्हे कल्पनाऐं दी जिनसे वे पृथ्वी की ओर किसी भी वस्तु को खीचने वाले बल को एक नाम गुरुत्वाकर्षण दे पाये। और उनकी जो सोच थी। उसे ही उनके नाम के आधार पर न्यूटन के नियम के रूप में दुनिया ने प्रकाशित किया और उन्हे वैज्ञानिक कहा।
इस कहानी के माध्यम से हम आपको यह बताना चाहते हैं। कि दुनिया में लोगों के पास कितना दिमाग है उतना ही आपके पास है। और आप अपने मन की शक्ति से कुछ भी प्राप्त कर सकते हो। एवं स्वयं स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि आप एक लक्ष्य बनाइए और उसे पूरा होने तक मत रुकिए आपको लक्ष्य अवश्य मिल जाएगा। हाँ कुछ 1 प्रतिशत लोग होते हैं जिनमें अद्भुद शक्तियां पहले से ही विकसित होती है। तो वो बात अलग है।
आपको यह बात अवश्य ध्यान रखनी चाहिए कि आपके द्वारा कभी भी ऐसी बात नहीं सोची जाये जो कि आपके उज्जवल भविष्य के लिये नकारात्मक हो क्योंकि आपकी शारीरिक एवं मानसिक शक्ति को यह सोच काफी हद तक प्रभावित करती है। जिसके कारण से आप निराश होते हैं। आपको अच्छा नहीं लगता है। और आप कहते हैं कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है? यह आपके साथ नहीं हर किसी के साथ होता है। पर कोई इस बात को इतना गंभीर नहीं लेता जितना कि आप लेते हो तो आज से आप अपने मन में कभी भी ऐसी बातों पर विचार करना छोड दीजिए। देखिए हम जो आपको बता रहे हैं। वह आपके द्वारा ही किया जा सकता है। हम सिर्फ आपको बता सकते हैं कि आप ऐसा कीजिए। अब ये आप पर निर्भर है कि आप इसको अपनाएंगे या नहीं अपनाएंगे आपको अपना भविष्य सुधारना है या बिगाडना है। इसलिए हम आपको यह सलाह देते हैं। कि आप अपना दिनचर्या का एक टाइम टेबल बनायें। और अपनी परीक्षा की ओर ध्यान दें। यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो यह आपकी रूचि है।
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कक्षा 10वी में टॉप करने के लिये टिप्स |
क्या करें और क्या ना करें? बोर्ड टाॅपर कैसे बने? टॉपर टिप्स
सबसे पहले आप अपने प्रतिदिन की दिनचर्या पर विचार कीजिए कि आप सुबह कब उठते हैं। सिलेबस को कबर करने के लिये दिन भर करते क्या हैं? आज स्कूल तो जाते ही हैं। तो आपका स्कूल कब लगता है? इसके आधार पर आपको अपनी दिनचर्या को सेट करना है। जैसे कि उदाहरण के रूप में आप यदि 10 बजे स्कूल जाते हो तो आप सुबह उठते कब हो। वैसे तो आपको सुबह 5 बजे उठकर पढना चाहिए। परन्तु यदि आप 6 बजे भी उठ रहे हैं तो कोई बुरी बात नहीं है। आप सुबह 6 बजे उठ गये फिर आप मान लीजिए 1 घंटे के अंतराल में नित्य क्रियाओं से फ्री हो गये। फिर आपको 7 से 9 बजे तक पढाई करनी ही करनी है। हम बता रहे हैं कि पढाई कैसे करनी है और क्या करनी है। आपको स्कूल में सभी विषयों के नोट्स (फेयर कॉपी) बनवाई गई है। उनके जो चेप्टर पाठ आपको याद नहीं है आपको वह याद करने हैं। यह आप कितने टाइम में करेंगे। आपके कक्षा 10वीं में सामान्यत: 5 विषय होते हैं। तो इनमें से आपको सबसे पहले जो भी विषय में आप कमजोर हैं। (गणित को छोडकर) उसको उठाइये एवं उसके प्रश्नों को याद करना प्रारम्भ कर दीजिए। यह आपको केवल 30 मिनट तक याद करना है- 7 से 7:30 बजे तक, इसके बाद कोई दूसरा विषय उठाइये और अगले 30 मिनट तक उसको याद कीजिए। अब आठ बज चुके होगें। फिर अगला विषय लीजिए और उसको भी 30 मिनट तक याद कीजिए। इसके बाद अगले 30 मिनट तक अन्य विषय (गणित को छोडकर) जो भी बचा है। उसे याद कीजिए। आपके दो घंटे पूरे हो चुके हैं। (7 से 9 बजे तब आपको 30-30 मिनट के अंतराल पर यह कार्य करना है) – ध्यान रहे कि आपका पूरा मन केवल विषयों के पाठ्यक्रम को याद करने में ही होना चाहिए। इसके लिये आप कोई शांत स्थान को चुने। जहां पर कोई भी शोर ना हो।
अब आपके पास केवल 1 घंटा ही बचा है। जिसमें आप स्कूल जाने की तैयारी करेंगे। (9 से 10 बजे तक)
यदि आपको पहले से ऐसी आदत नहीं है तो आपको कुछ दिन तक परेशानी होगी। फिर कुछ दिनों के पश्चात् आपको इससे कोई भी परेशानी नहीं होगी।
आप जब स्कूल पहुँचेंगे और फिर जब आपकी कक्षायें क्रमश: शुरू होगीं तो आपको अपने डाउट्स आ रहे हैं। कोई प्रश्न को याद करने में दिक्कत आ रही हो। या फिर कोई शब्द आपको समझ ना आ रहा हो। तो उस परेशानी को आप अपने शिक्षक से पूछें। हमें पता है कि कई विद्यार्थी अपनी परेशानियों को शिक्षक से पूछने में कतराते हैं। ताकि भरी कक्षा में उनकी बेइज्जती ना हो जाये। पर यह सच नहीं है। आप सोचते हैं कि आपके बारे में लोग क्या सोचेंगे तो हम आपको बता दें कि वे आपके बारे में कुछ भी नहीं सोचेंगे। बल्कि ये सोचेंगे कि ये जो चीज पूछी है आपने यह उनको भी कहीं ना कहीं पता नहीं थी। जो उन्हे भी पता चल गई। और जिनको पहले से आती थी। तो वे विद्यार्थी इसको बताने के लिये उछलकूद भी करेंगे। तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। या फिर आप क्लास के बाद भी वो परेशानी पूछ सकते हैं। या तो अपने दोस्त से या फिर शिक्षक से।
अब जब आप स्कूल से घर 5 बजे आते हैं। तो आपको 1 घण्टे रिलेक्स होना है। फिर जो भी होमवर्क दिया गया है। उसे 6 बजे से 7 बजे तक करने का प्रयास करना है। कुछ थोडा और समय भी आप स्कूल से आने के बाद ले सकते हैं। बस आपका होमवर्क करके ही आपको फ्री होना है। ऐसी मनोधारा बना लीजिए। नहीं तो आप कल-कल बोलकर पूरा समय इसमें व्यर्थ कर देंगे। इसके बाद आपको भोजन करना चाहिए। ध्यान रहे कि जब आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको हल्का भोजन ही लेना चाहिए। जिससे आपको आलस एवं नींद ना आयेगी। भोजन में आपको 45 मिनट का समय लेना होगा। जिसके घर पर यदि भोजन का समय अलग हो वो अपने हिसाब से समय को मेनेज कर सकते हैं। भोजन के बाद आपको 15 से 20 मिनट तक टहलने जाना है। (बगीचा, या कोई भी खुली जगह पर) इसके बाद आपने सुबह जिन विषयों के प्रश्नों को याद किया था। उनको रिविजन करना है। जिसमें आपको 1 घंटा देना है। समय आप अपने अनुसार तय करेंगे।
अब आता है। सबसे महत्वपूर्ण विषय गणित जिसमें आपको बचा हुआ समय लगभग 2 घंटे देना है। कोई भी एक प्रश्नावली (वह कोई भी प्रश्नावली हो सकती है ध्यान रहे कि इसको पूरा करना है। और उसमें लगने वाले सूत्रों को याद रखने की कोशिश करना है।) गणित की प्रश्नावली को पूरा करने के बाद आप जब सोने के लिये जायेंगे। तो आपको 5 मिनट का ध्यान लगाना है। (यदि आपका पहला दिन है) ध्यान लगाते समय यह जरूर समझ लें कि आपको ध्यान करते समय कोई भी बात पर सोचना नहीं है। जितना हो सके अपने मन को स्थिर रखने का प्रयास करें। इसके लिये आप अपनी सांसों पर ध्यान लगा सकते हैं। (निर्देश- ध्यान लगाते समय कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं करनी है। पहला दिन है। तो आपका मन थोडा तो भटकेगा परन्तु जैसे-जैसे आदत में आ जायेगा तो इसको लगाने का समय भी बडा सकते हैं।)
सामान्यत: 6 घंटों की नींद सोने के लिये पर्याप्त होती है। इसके अतिरिक्त आप रविवार को नींद के लिये 8 घंटे ले सकते हैं। इससे अधिक समय ना लें अन्यथा आपको दिन भर आलस का सामना करना पडेगा। और पढाई में मन नहीं लगेगा। रविवार के दिन आप जल्दी सो जाइये एवं सुबह तक 8 घंटे की नींद को पूरी करने के बाद सुबह जल्दी ऊठीय और टहलने जाइये और व्यायाम भी कीजिए। इसके अलावा रविवार को छोडकर अन्य दिन भी अपने अनुकूल कोई भी 10 मिनट का समय निकाल लीजिए। और व्यायाम कीजिए।
दिनचर्या सूची (स्कूल के समय को छोडकर)
क्रमांक |
समय |
क्रियाएं |
1. |
प्रात: - 6:00 |
उठना |
2. |
प्रात: - 6:00 से 7:00 तक |
नित्य क्रिया |
3. |
प्रात: - 7:00 से 7:30 तक |
अंगेजी विषय याद करें (नोट्स) |
4. |
प्रात:: - 7:30 से 8:00 तक |
हिन्दी विषय याद करें (नोट्स) |
5. |
प्रात: - 8:00 से 8:30 तक |
विज्ञान विषय याद करें (नोट्स) |
6. |
प्रात: - 8:30 से 9:00 तक |
सामाजिक विज्ञान याद करें (नोट्स) |
7. |
प्रात: - 9:00 से 10:00 तक |
स्कूल जाने की तैयारी |
8. |
प्रात: - 10 से शायं 5 बजे तक |
स्कूल में कराये गये विषय (कोरोना कॉल के समय स्वयं के अनुसार अपने विषयों को प्राथमिकता दें) |
9. |
शायं – 6:00 से 7:00 बजे तक (थोडा अधिक समय ले सकते हैं) |
होमवर्क करें (1 घण्टे में हो जाये प्रयास करें) |
10. |
शायं – 7:00 से 7:45 बजे तक |
भोजन का समय (हल्का भोजन)- एक घंटे बाद पानी पीना |
11. |
शायं - 7:45 से रात 8:00 बजे तक |
टहलना(घूमना) |
12. |
रात – 8:00 से 9:00 बजे तक |
सुबह याद किये गये विषयों का रिविजन |
13. |
रात – 9:00 से 11:00 बजे तक |
गणित विषय के प्रश्नों को हल करना एवं सूत्रों को याद |
14. |
रात – 11:00 से 11:05 बजे तक |
ध्यान लगाया |
15. |
रात – 11:05 से 5:50 बजे तक |
नींद लेना (निद्रा अवस्था) |
16. |
सुबह – 6:00 बजे |
उठना (दिन रविवार) – सोने का समय आपके अनुसार तय करें।, आठ घंटों से अधिक ना सोयें। |
कक्षा 10वी का Guess Model Paper 2021
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